EPFO Breaking News: सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को लेकर एक नया आदेश लागू करने का फैसला किया है। अगर आप भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मेंबर है तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है इसे अंत तक जरूर पढ़िए।हाल ही में खबर मिली है कि सरकार द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुख्य रिटायरमेंट सेविंग स्कीम की सैलेरी लिमिट को बढ़ाए जाने की घोषणा की है।
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सैलरी स्कीम 15000 रूपये तय की गई है। इसका मतलब है कि वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों को सैलरी के रूप में केवल 15000 रूपये मिलते है। लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाने का
फैसला ले लिया है।

EPFO की सैलरी लिमिट बढ़ी
आप लोगों की जानकारी के लिए बता देते है अगर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के द्वारा सैलरी में बदलाव किया जाता है और इसे बढ़ाया जाता है तो इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को ही अधिक से अधिक योगदान देना होगा। इसका मतलब है कि कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को ही इसमें सैलेरी लिमिट बढ़ने के बाद अपना योगदान भी बढ़ाना होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा 1.16 प्रतिशत का योगदान पेंशन योजना में किया जाता है। जिसके अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों की सैलरी लिमिट 15000 रुपए तक रखी गई है। इस स्कीम के अंतर्गत नियोक्ता 12 प्रतिशत तक का योगदान करता है। नियोक्ता द्वारा किए गए 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 फीसदी लाभार्थी के पेंशन खाते में जाता है।
इतनी बढ़ सकती है सैलरी लिमिट
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों के वर्तमान सैलरी पेंशन खाते में 15000 रूपये रखी गई है। लेकिन सरकार ने आगे से बढ़ाने का फैसला लिया है जो कि सच में एक अच्छा कदम बताया जा रहा है। हमें मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों की सैलरी लिमिट 15000 रूपये से बढ़ाकर 21000 रूपये प्रतिमाह की जा सकती है।
लेकिन इसके लिए भी कुछ नियम कायदे सरकार द्वारा तय किए गए हैं। एक तरफ जहां कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों की सैलरी लिमिट बढ़ाई जा रही है तो इससे कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। लेकिन आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें किकर्मचारी भविष्य निधि संगठन के उन कर्मचारियों की सैलरी लिमिट बढ़ेगी जहां कंपनियों में कर्मचारी की कुल संख्या 20 से अधिक होगी। इसका मतलब है कि जिन कंपनियों में 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं तो उस कंपनी के कर्मचारियों की सैलरी लिमिट बढ़ा दी जाएगी।
अब तक हुआ इतनी बार संशोधन
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की शुरुआत साल 1952 में हुई थी।साल 1952 से लेकर वर्तमान तक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सैलेरी लिमिट लगभग 8 बार बढ़ाई चुकी है। हम आपको इस बारे में जानकारी दे रहे हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सैलरी लिमिट किस किस वर्ष में बढ़ाई गई है। इसमें शुरुआत से लेकर अब तक 8 बार वृद्धि की जा चुकी है।
आपको बता दे साल 1952 में कर्मचारियों की सैलरी लिमिट केवल 300 रुपए हुआ करती थी। इसके बाद साल 1957 में सैलरी लिमिट को बढ़ाकर 500 रूपये कर दिया गया। इसके 5 साल बाद यानी 1962 से सैलेरी लिमिट को डबल यानी 1000 रूपये तक बढ़ा दिया गया। इसके बाद कई सालों तक कर्मचारियों की सैलरी लिमिट को नहीं बढ़ाया गया। लेकिन से सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सैलेरी लिमिट 14 साल बाद वर्ष 1976 में बढ़ाई। साल 1976 में कर्मचारियों की सैलरी लिमिट बढ़ाकर 1600 रुपए कर दी गई।
इसके बाद 9 साल बाद वर्ष 1985 में सैलरी लिमिट बढ़ाई गयी और इसे 2500 रूपये किया गया। इसके बाद साल 1990 में सैलेरी लिमिट बढ़ाकर 3500 रूपये कर दिया गया। इसके 4 साल बाद साल 1994 में सैलरी लिमिट को बढ़ाकर 5000 रूपये किया गया। फिर साल 2001 में 6500 रुपए तक बढ़ा दिया गया और अंत में इस साल 2014 में बढ़ाकर 15000 रुपये कर दिया गया। जो कि शुरुआत से लेकर अब तक सबसे अधिक बढ़ोतरी हैं।
लेकिन अब सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों की सैलरी लिमिट बढ़ाने का फैसला किया है। साल 2014 के बाद अब साल 2023 में सैलेरी लिमिट को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। अनुमान है कि इस बार भी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी लिमिट 6000 रुपए तक बढ़ाई जा सकती है। ऐसा करने से केंद्रीय कर्मचारियों को काफी फायदा होगा। यह उनके भविष्य के लिए उनका साथ देगी।